ब्यूरो रिपोर्ट देहरादून:
सहायक निदेशक शिक्षा डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल आजकल अपनी विशेष कार्य संस्कृति की वजह से पूरे प्रदेश में चर्चाओं में है एक बार फिर से उन्होंने बड़े विद्यालयों और महाविद्यालयों के बजाय आजादी के अमृत महोत्सव की अति विशिष्ट बेला पर विश्व के पहले प्राथमिक संस्कृत विद्यालय के मुख्य अतिथि के रूप में ध्वजारोहण करने के आमंत्रण को स्वीकार करके एक नया संदेश देने का प्रयास किया है
विद्यालय की प्रधानाचार्या कविता मैठाणी ने बताया कि विद्यालय परिवार अत्यंत उत्साहित है कि सहायक निदेशक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने अन्य बड़े-बड़े विद्यालयों एवं संस्थाओं से प्राप्त आमंत्रण को किनारे करते हुए इस प्राथमिक विद्यालय द्वारा दिए गए ध्वजारोहण के लिए मुख्य अतिथि का पद स्वीकार किया है श्रीमती कविता ने बताया कि छोटे-छोटे बच्चों से तैयारी कराना यद्यपि बड़ा मुश्किल भरा काम रहता है परंतु फिर भी उन्होंने और उनके स्टाफ ने पूरी तैयारी कर रखी है हम सारथी बिहार क्षेत्र में सहायक निदेशक महोदय के साथ में तिरंगा यात्रा भी निकालेंगे और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी नन्हे-मुन्ने बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए जाएंगे
संपर्क करने पर सहायक निदेशक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने कहा कि उनका प्रयास है कि संस्कृत को आधार से मजबूत कर दिया जाए तो इमारत अपने आप मजबूत हो जाएगी इसलिए उन्होंने अन्य जगह के आमंत्रण को स्वीकार करने के बजाए इस छोटे प्राथमिक विद्यालय का आमंत्रण स्वीकार किया है वह यहां पर समय पर ध्वजारोहण कर के बच्चों एवं विद्यालय स्टाफ के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी करेंगे और नन्हे मुन्ने बच्चों को साथ लेकर तिरंगा यात्रा भी निकालेंगे और स्वयं उनको देश भक्ति के नारे लगाना भी सिखाएंगे

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