1. ब्यूरो रिपोर्ट:
    वर्तमान प्रतिस्पर्धा के दौर में नई शिक्षण पद्धतियां शिक्षक एवं शिक्षण दोनों की मजबूती से छात्र के सर्वांगीण विकास में परिवर्तनकारी परिणाम सिद्ध होते हैं,इसी क्रम में कोटद्वार के -हेमनदास सरस्वती शिशु मंदिर जानकीनगर कोटद्वार में गढवाल क्षेत्र के शिशु/जन शिक्षा समिति की तीन दिवसीय प्रधानाचार्य वार्षिक कार्य योजना बैठक के समापन सत्र में विद्या भारती उत्तराखंड व पश्चिम उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री डोमेश्वर शाहू जी ने कहा कि विद्यालय में प्रधानाचार्य की वही भूमिका होती है जो कि सेना में एक सेनापति की होती है। वह विद्यालय में छात्र के सर्वांगीण विकास के लिए जिन कार्यक्रमों की योजना बनाता है, तथा उन योजनाओं को क्रियान्वित भी करता है। प्रधानाचार्य विद्या भारती योजना का केंद्र बिंदु है इसलिए विद्यालय की सफलता,दक्षता तथा उसकी कल्पनाशक्ति और प्रधानाचार्य के गुणों पर काफी हद तक निर्भर करती है। इसलिए प्रायः यह देखा जाता है कि जैसा प्रधानाचार्य वैसा विद्यालय ,प्रधानाचार्यों को समापन सत्र में सम्बोधित करते हुए क्षेत्रीय संगठन डोमेश्वर शाहू ने विद्या भारती के पांच आधार भूत विषयों पर चर्चा करते हुए कहा कि बालकों का सर्वांगीण विकास विद्या भारती द्वारा निर्धारित पांच आधारभूत विषय शारीरिक शिक्षा,योग शिक्षा,संगीत शिक्षा,संस्कृत शिक्षा और नैतिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा के आधार पर किया जाना है। अगर इन पांच आधार भूत विषयों में एक भी विषय छूटने पर बालक का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। विद्यालयी दैनिक समय सारिणी का निर्धारण करते समय शिक्षण में नये आयाम जोड़ते हुए शिक्षक को छात्रों के बीच अपने विषय को रुचिकर बनाकर आदर्श बनाना चाहिए।
    प्रभावी और क्रियाशील शिक्षण पर चर्चा करते हुए क्षेत्रीय संगठन मंत्री डोमेश्वर शाहू ने कहा कि वर्तमान दौर शिक्षा के बाजारीकरण के साथ-साथ प्रतिस्पर्धा का दौर भी है। वर्तमान समय में समाज में एक अच्छे विद्यालय के रुप में अडिग हिमालय की तरह खड़ा होने के लिए हमें वर्तमान परिवेश के अनुसार नई-नई शिक्षण पद्धतियां अपनाकर बदले परिवेश के अनुसार हमें भी बदलना होगा तभी हमारे द्वारा किये गये परिणाम परिवर्तनकारी सिद्ध होंगे। तीन दिवसीय प्रधानाचार्य योजना बैठक 11 सत्रों में चली जिसमें विभिन्न प्रस्तोता अधिकारियों ने छात्र की सर्वांगीण विकास के अनेक विषयों में प्रधानाचार्यों का मार्गदर्शन किया गया।

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