ब्यूरो रिपोर्ट:
सरकारी शिक्षकों के स्वैच्छिक राष्ट्रीय संगठन शैक्षिक आगाज़ द्वारा पांच दिवसीय कला समेकित शिक्षा का कार्यक्रम “कलाकृति” के प्रथम दिवस का शुभारंभ डॉ जीतराम भट्ट  सचिव हिंदी अकादमी नई दिल्ली के शुभकामना संदेश द्वारा हुआ। कलाकृति का उद्देश्य कला के माध्यम से शिक्षा और संस्कृति का समाज में प्रचार प्रसार है, किसी भी समाज को शिक्षित करना जितना आवश्यक है उतना ही आवश्यक है उसके अंदर कला के प्रति संवेदनशीलता पैदा करना,डॉ जीतराम भट्ट  ने अपने वक्तव्य में कहा कि ऐसा कोई व्यक्ति नहीं जिसके अंदर कोई न कोई कला ना हो बस जरूरत है तो उसे पहचानने की और निखारने की, शिक्षक अपने जीवन काल में हजारों, लाखों विद्यार्थियों को कला के माध्यम से संवेदनशीलता, धैर्य, कर्तव्य परायणता, लगन और परिश्रम जैसे नैतिक गुणों को विकसित कर एक सुखी एवं श्रेष्ठ नागरिक में परिवर्तित कर सकता है,लिटिल हेल्प ट्रस्ट की शैक्षणिक संस्था शैक्षिक आगाज इस कार्य को कलाकृति जैसे कार्यक्रम से बखूबी अंजाम दे रही है। प्रथम दिवस के मास्टर ट्रेनर बिहार से मां बेटी की एक जोड़ी रही जिनका नाम सुधीरा देवी एवं राधा कुमारी है,सुधीरा जी कई राज्य स्तरीय एवं राष्ट्रीय पुरस्कारों से सिक्की कला को सुदृढ़ करने के लिए पुरस्कृत हो चुकी है, सिक्के घास से विभिन्न तरीके के सजावटी सामान, घर में इस्तेमाल होने वाले सामान, महिलाओं के द्वारा पहने जाने वाले आभूषण, राखियां और पेंटिंग्स बना कर सभी को मंत्रमुग्ध कर देने वाली मां बेटी की इस जोड़ी ने सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों को सिक्की कला के इतिहास, सिक्की घास को तैयार करने का तरीका, घास को रंगने का तरीका और इस्तेमाल करने का तरीका बहुत बारीकी से सिखाया। उनके द्वारा पेंटिंग्स, चूड़ियां और राखियां बनाना सिखाया गया जिसे सभी ने बहुत सराहा। यदि हम अपने दृष्टिकोण में कला को अपना ले तो तालाब के किनारे उगी सिक्की घास को जिसे हम सब नजरअंदाज कर आगे बढ़ जाते हैं, उसी घास से ऐसे बेशकीमती सामान बनाए जा सकते हैं जो देश में नहीं विदेशों में भी बहुत शौक से खरीदे जाते हैं। सिक्की कला के खरीदार जितने बढ़ते जा रहे हैं उतने ही सिक्की कलाकार कम होते जा रहे हैं। कलाकृति के माध्यम से देश और विदेश की लोक कलाओं को समाज में फिर से प्रतिस्थापित करने का यह एक सफल प्रयास करने के लिए मुख्य अतिथि ने शैक्षिक आगाज भारत को बधाई दी। कार्यक्रम का संचालन उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से  स्मृति चौधरी एवं बहराइच से पूरन लाल चौधरी द्वारा किया गया। कार्यक्रम का लाइव टेलीकास्ट फेसबुक पर भी उपलब्ध कराया गया जिससे हजारों की संख्या में लोग लाभान्वित हुए। कार्यक्रम के अंत में श्रीमती स्मृति चौधरी द्वारा मुख्य अतिथि डॉ जीतराम भट्ट जी, मास्टर ट्रेनर श्रीमती सुधीरा देवी  सुश्री राधा कुमारी  के साथ लिटिल हेल्प ट्रस्ट की संस्थापक सुश्री समृद्धि चौधरी एवं राष्ट्रीय संयोजक सुश्री सृष्टि चौधरी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

One thought on “कला ही मनुष्य को श्रेष्ठ बनाती है।”

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