. बर्ष 2022 के डिस्कवर उत्तराखंड 24 अचीवर्स अवार्ड के लिए नामित शिक्षिका पिंकी पंवार का जन्म 12 दिसंबर 1982 में पंजाब के फाजिल्का में हुआ,उनके पिताजी का नाम आनरी कैप्टन बलदेव सिंह पंवार है, जो कि आर्मी से रिटायर्ड है,व माता जी का नाम श्रीमती लक्ष्मी पंवार है,जो कि गृहणी हैं उनकी दीक्षा शिक्षा के.वी नंबर 3 आगरा .केंद्रीय विद्यालय नंबर 1 ए,एफ.एस आगरा ,केंद्रीय विद्यालय एन.एस.जी , के.वी गुड़गांव से से हुई ।इसके पश्चात वर्ष 2000 में उन्होंने ग्रेजुएशन डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून से से किया । स्नातकोत्तर अंग्रेजी में डीएवी पीजी कॉलेज व स्नातकोत्तर हिंदी उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय से किया साथ ही बी.एड भी किया। शिक्षा विभाग में उनकी प्रथम नियुक्ति वर्ष 2013 में राजकीय प्राथमिक विद्यालय भौणा तल्ला घनसाली विकासखंड भिलंगना में हुई ।इसके पश्चात उन्होंने एलटी की परीक्षा पास की और वर्ष 2018 में राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ल्वेदन कसमोली , विकासखंड नरेंद्रनगर में कार्यभार ग्रहण किया। यही से उन्होंने अटल उत्कृष्ट विद्यालय की परीक्षा गढ़वाल मंडल में प्रथम स्थान पर पास की और अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज सरोली कार्य करने का मौका मिला। यहां उन्होंने 18 अगस्त वर्ष 2021 में कार्यभार ग्रहण किया।
अनुभव -उनकी पहली नियुक्ति राजकीय प्राथमिक विद्यालय भौणा तल्ला में हुई ,जो भिलंगना विकासखंड में है ।यहां पर उनकी नियुक्ति वर्ष 2013 में हुई ।यह बहुत ही दुर्गम का विद्यालय था ।यहां उन्होंने बच्चों के गणवेश से लेकर फर्नीचर और जो भी शिक्षा से जुड़ी हुई सामग्री है उसकी व्यवस्था की,इनोवेशन के तौर पर उन्होंने यहां पर वर्ष 2015 में अपनी पहली पत्रिका ”जिज्ञासा” निकाली जिसका विमोचन वहां के उप शिक्षा अधिकारी भुवनेश्वर प्रसाद जदली जी व टिहरी डाइट की टीम में श्री वीर सिंह रावत जी ,देवेंद्र भंडारी जी और जसवंत बंगारी जी द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम को संपन्न करने में जितना उनका अपना प्रयास था उतना ही साथ उन्हें समुदाय ने भी किया और उनका कार्यक्रम सफल हुआ ।इसके पश्चात उन्होंने अपनी दूसरी पत्रिका भी इसी विकासखंड में रहते हुए वर्ष 2016 में निकाली जिसका विमोचन वहां के विधायक शक्ति लाल शाह जी द्वारा किया गया ।इस कार्यक्रम में वहां के ब्लाक प्रमुख श्री विजय गुनसोला जी भी थे, जिन्होंने प्रसन्न होकर विद्यालय की चाहरदीवारी के लिए ₹100000 दिया। उनके सहयोग से पिंकी पंवार द्वारा इस विद्यालय की चाहरदीवारी भी की और उसको अपने हाथों से पेंट करके सुंदर बनाया ।उनकी तृतीय पत्रिका 2017 में विकासखंड भिलंगना में ही निकाली जिसमें एक बार पुनः विधायक श्री शक्ति लाल शाह जी , ब्लॉक प्रमुख श्री विजय गुनसोला जी व डाइट की टीम से श्री कैलाश डंगवाल जी डॉक्टर वीर सिंह रावत व श्री देवेंद्र भंडारी जी आदि उपस्थित रहे और इन सभी ने पत्रिका का विमोचन किया। इस कार्यक्रम में विधायक जी द्वारा विद्यालय को पुनर निर्मित करने के लिए प्रस्ताव दिया गया और आज वहां का विद्यालय नया बन चुका है ।उसका पुनर्निर्माण हुआ। इसके पश्चात उनका चयन एलटी हिंदी के पद पर विकासखंड नरेंद्र नगर में हुआ जो कि वर्ष 2018 में हुआ। यहां पर भी उन्होंने बच्चों के लिए जितना संभव हो सका स्थिति को सुधारा और विभिन्न क्रियाकलापों को बच्चों को सिखाया बच्चों की गतिविधियां दिन प्रतिदिन नई-नई करवाई उनके गणवेश जैसे नए ट्रैक सूट,हाउस टी शर्ट, , आई कार्ड बनवाएं,समय-समय पर बच्चों की आवश्यकताओं को पूरा भी किया गया ।यहां पर उन्होंने अपनी चतुर्थ पत्रिका जिज्ञासा को निकाला जिसका विमोचन अपर निदेशक श्री महावीर बिष्ट जी द्वारा किया गया ।इसमें विभिन्न अतिथि शामिल हुए जैसे डाइट टिहरी टीम से डॉ वीर सिंह रावत जी भिलंगना पूर्व ब्लाक प्रमुख श्री विजय गुनसोला जी ,नरेंद्र नगर ब्लॉक के आसपास के प्रधानाचार्य आदि सभी उपस्थित रहे ।कार्यक्रम की सराहना मंडलीय अपर निदेशक श्री महावीर बिष्ट जी द्वारा की गई ।इसमें बच्चों के विभिन्न कार्यक्रम रखे गए थे, जिनकी प्रस्तुति बच्चों ने बहुत अच्छी दी। इसके पश्चात वर्ष 2021 में अटल उत्कृष्ट विद्यालय के लिए परीक्षा पास कर उन्होंने गढ़वाल मंडल में प्रथम स्थान प्राप्त किया ,जिसके कारण उनको अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज सौडा सरोली रायपुर देहरादून में नियुक्ति मिली और यहां पर 18 अगस्त 2021 को कार्यभार ग्रहण किया। वर्तमान में वह यही अपनी सेवाएं दे रही है इस विद्यालय में आते ही सबसे पहले उन्होंने विद्यालय का पेज बनाया जिसमें विद्यालय की सभी गतिविधियां को डाला जो उनके द्वारा संपन्न कराई जाती है। यहां पर उनके द्वारा विभिन्न गतिविधियों को शुरू किया। बच्चों को क्राफ्ट एक्टिविटी से लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि में जगह-जगह प्रतिभाग करवाया ।जैसे उनके विद्यालय के बच्चों ने मुख्यमंत्री जी के कार्यक्रम में भी दो बार सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रतिभाग किया उनके विद्यालय के बच्चे प्रति सोमवार और बुधवार को राजीव नवोदय विद्यालय देहरादून से वर्चुअल क्लास में प्रेजेंटेशन देते हैं, जिसमें बच्चे और मैं सभी क्राफ्ट सिखाते हैं ।हर प्रतिभा दिवस में उनके द्वारा बच्चों को विभिन्न प्रतियोगिताएं करवाई जाती है ।स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को वह अपने स्वयं के वेतन से पुरस्कृत करती हैं जिससे कि बच्चे मोटिवेट होते हैं और आगे बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। वर्ष 2021 से अभी तक विद्यालय में विभिन्न तरह की गतिविधियां करवाती हैं और बच्चों को पुरस्कृत कर प्रोत्साहित करती हैं उनके द्वारा विद्यालय के फर्नीचर और दीवारों को भी विभिन्न पेंटिंग से सजाया गया जिसको कि उन्होंने खुद बच्चों के साथ मिलकर किया है ।इससे विद्यालय की के दरवाजे फर्नीचर और दीवारें बहुत खूबसूरत बन गई है । वर्ष 2022 में उनके द्ववर विद्यालय में पहली बार बाल दिवस पर बाल मेले का स्टॉल का आयोजन करवाया। जिसमें बच्चों को उनके द्वारा कई तरह के आईडिया दिए और बच्चों ने उसको बखूबी पेश किया ।यह बहुत अच्छा कार्यक्रम था ।जिसमें बच्चों को बहुत फायदा भी हुआ ।उन्होंने उसमें बिना पकाने वाली चीजों को बनाया और बच्चों को अनुभव भी हुआ कि किस तरह से हमें फायदे और नुकसान होता है। उनके द्वारा जून माह में होने वाले ग्रीष्मकालीन अवकाश में 1 हफ्ते का समर कैंप का आयोजन कराया गया। जिस का समापन महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी जी व सीमा जौनसारी जी द्वारा किया गया । इस कार्यक्रम को उनके द्वारा बहुत सराहा गया ।इसमें लगभग 100 बच्चों ने प्रतिभाग किया था। उनको विभिन्न गतिविधियां करवाई गई जिसमें प्रिंटिंग ढोलक बजाना, हारमोनियम बजाना, मेहंदी लगाना, कैलीग्राफी करना ,मैंक्रेमवर्क, केक बनाना ,मफिंस बनाना ,टाई एंड डाई, पुरानी बोतलों का इस्तेमाल करके गमले बनाना, योगा क्लासेस, गीत संगीत आदि सिखाया गया। बच्चों ने बढ़ चढ़कर इसमें हिस्सा लिया ।इनके लिए बिल्कुल नया था क्योंकि इस विद्यालय में यह पहली बार करवाया गया था। इसका सारा खर्चा उनके पिताजी की संस्था जिज्ञासा जिसमें सहयोगी की तरह वह भी कार्य करती है, उनके द्वारा किया गया ।जिज्ञासा ट्रस्ट द्वारा विद्यालय में समय-समय पर काउंसलिंग और बच्चों को पुरस्कृत भी किया जाता है ,साथ ही ।कार्यक्रम भी कराए जाते हैं ।अभी हाल ही में उन्होंने अपने विद्यालय के पुराने कमरे को एस यू पी डब्ल्यू और एक्टिविटी रूम में कन्वर्ट किया ।जिसके लिए बच्चों की सहायता ली और उस कमरे में बच्चों द्वारा बनाए गए विभिन्न सामान को उन्होंने वहां पर रखा है ।बच्चों द्वारा हर त्योहार पर कुछ ना कुछ क्राफ्ट तैयार किया जाता है ,जैसे कि पूजा की थालियां बनाना ,दिए डेकोरेट करना, रक्षाबंधन में राखियां बनाना, जन्माष्टमी में बांसुरिया बनाना, क्रिसमस के लिए सैंटा क्लॉस तैयार करना । इस तरह से गतिविधियां कराकर बच्चों को अलग-अलग त्योहारों की जानकारी भी दी जाती है और उन्हें पता चलता है कि किस तरह से कौन से त्यौहार में हम क्या चीज इस्तेमाल कर सकते हैं। पुराने वेस्ट चीजों से बच्चों को अच्छे-अच्छे क्राफ्ट बनाना सिखाया जाता है जिससे कि बच्चे उनका आगे इस्तेमाल कर सके और उनको जीविका का साधन भी बना सके उनके द्वारा बच्चों को इंग्लिश कैलीग्राफी भी सिखाई जाती है। ड्राफ्टिंग करके कैसे राइटिंग बनाई जाती है। यह भी वह अपने विद्यालय में करवाती है ।समय-समय पर बच्चों को अलग-अलग गतिविधियां और क्रियाकलाप उनके द्वारा सिखाए जाते हैं। निरंतर उनके कार्य में बढ़ोतरी करती है ताकि बच्चे अपने को कभी भी प्राइवेट स्कूल से कम ना समझे,शिक्षा में उनको मिले पुरस्कार
भिलंगना मे बेस्ट टीचर का अवार्ड भी मिल चुका है। भी अटल उत्कृष्ट में रहते हुए महानिदेशक जी द्वारा प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार दिया गया ।
