ब्यूरो रिपोर्ट:
उत्तराखंड सरकार में संस्कृति, पर्यटन, पीडब्लूडी एवं सिंचाई मंत्री ने 50 वें विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर प्रथम दून आर्टिस्ट कांक्लेव का उद्घाटन करते हुए कहा कि कला को बढ़ावा दिये बिना पर्यावरण संरक्षण की कल्पना संभव नहीं है क्योंकि प्रकृति कलाकारों को प्रेरणा देती है और वे अपनी कलाकृतियों में प्रकृति को दर्शाते हैं। उन्होंने समाज से अपील की कि यदि प्रकृति का संरक्षण करना है तो कला को बढ़ावा देना होगा।
राजपुर रोड़ स्थित एक होटल में शनिवार को विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर प्रथम दून आर्टिस्ट कांक्लेव में बोलते हुए पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि कलाकारों को समाज के संरक्षण की ओर उन्मुख करने के लिए एक साथ आगे आना न केवल राज्य बल्कि देश एवं संसार के पर्यावरण के लिए भी शुभ संकेत है।
विशेष अतिथि डॉ धनंजय मोहन, पीसीसीएफ एवं एमडी, उत्तराखंड वन विकास निगम; जो कि स्वयं एक विश्व प्रसिद्ध पक्षी वैज्ञानिक हैं ने आशा व्यक्त की कि पर्यावरण दिवस पर कलाकारों के एक मंच पर आने से संरक्षण के महान उद्देश्य में अतिशय सहायता मिलेगी.
म्यूज़ आर्ट गैलरी (होटल इंद्रलोक, राजपुर रोड) में आयोजित प्रदर्शनी में दून आर्ट काउंसिल से जुड़े तीस से ज़्यादा कलाकारों की पेंटिंग्स, फोटो, जंक आर्ट, शिल्प, एवं सिरैमिक्स आदि प्रदर्शित किये गये हैं.
ज्ञातव्य है कि पिछले महीने नामी चित्रकार जतिन दास के प्रयास से शहर के लगभग अस्सी कलाकारों ने मिलकर दून आर्ट काउंसिल बनाई थी जिसके द्वारा एक कलाकार सम्मेलन(काँक्लेव) के माध्यम से कला प्रेमियों तक पहुँचने की योजना बनाई गई थी.
शहर की प्रमुख आर्ट गैलरी में 20 जून तक सुबह 9 बजे से शाम 9 बजे तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में हर शाम 6 बजे कलाकार अपनी कला से संबंधित व्याख्यान भी देंगे,इस अवसर पर आर्टिस्ट जितिन दास, आलोक लाल मोहित दानू अंजलि थापा अतुल शाह भूपेश भारती कपिल मिश्रा सतपाल गांधी ,मेघा कतुरिया सहित अनेक कलाकार मौजूद थे।

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