*अचीवर्स अवार्ड 2022* के लिए चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर अंशिका बंसल का जन्म उत्तराखंड राज्य के कोटद्वार शहर में हुआ था। स्कूली शिक्षा कोटद्वार में करने के पश्चात डॉक्टर अंशिका बंसल ने उच्च एवं उच्चतर शिक्षा के लिए डॉ.पी.द.ब.हि. राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कोटद्वार में प्रवेश लिया। वर्ष 2012 में एम.कॉम.में महाविद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
वर्ष 2014 से इसी महाविद्यालय से आपने अध्यापन कार्य प्रारंभ कर अपने व्यवसायिक जीवन का शुभारंभ किया। यहीं से आपने अपने जीवन में नित नए आयाम हासिल किए। वर्ष 2014 में आपने Chartered Accountant (CA) की इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। वर्ष 2016 में U-Set की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके पश्चात 2018 में NET की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आपके कदम यहीं नहीं रुके, आपने 2019 में एक बार पुनः NET की परीक्षा वाणिज्य विषय से ही उत्तीर्ण की।
आपने राजकीय महाविद्यालय, पोखरा के प्राचार्य प्रोफेसर विजय कुमार अग्रवाल के दिशा निर्देशन में *”The Role of Human Resource Practices on Organisational Effectiveness”* विषय पर हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय) से शोध उपाधी प्राप्त की।
वर्ष 2020 में लोक सेवा आयोग से चयनित होने के पश्चात आपकी प्रथम नियुक्ति असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नई टिहरी (टिहरी गढ़वाल) में हुई। वर्तमान में आप (2022 से) डॉ.पी.द.ब.हि. राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कोटद्वार में कार्यरत हैं। आपकी शिक्षा से लाभान्वित अनेक छात्र/छात्राएं आज ऊंचे पदों पर आसीन हैं।
आपके राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय जर्नल में अभी तक कई पेपर प्रकाशित हो चुके हैं।
देश के सम्मानित प्रकाशक *सुल्तान चंद एंड संस, दरियागंज, नई दिल्ली* से आपकी कुल 06 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। *”Income Tax Law and Practice”* बुक के अभी तक 04 अंक प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त आपने *”Auditing and Corporate Governance”* तथा *”Fundamentals of Income Tax Problems and Solution”* पर बी.कॉम., बी.बी.ए., एम.कॉम. तथा एम.बी.ए. आदि क्षेत्रों के लिए उपयोगी पुस्तक लिखी हैं।
इसके अतिरिक्त आप कई विश्वविद्यालयों में परीक्षक के रूप में कार्यरत हैं। आपका अपना एक you-tube चैनल भी है, जिस पर आप समय-समय पर प्रेरक प्रसंग तथा बहुमूल्य व्याख्यान डालती रहती हैं।
आप एक जुझारू व्यक्तित्व की स्वामिनी है। आप जो बात अपने मन में ठान लेती हैं जब तक वह पूरी नहीं हो जाती, आप शांति से नहीं बैठती हैं। इसके अतिरिक्त आप एक कर्मठ प्राध्यापक, लेखक, योग्य वक्ता के रूप में अपनी पहचान रखती हैं।

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