ब्यूरो रिपोर्ट कोटद्वार
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार में आईपीआर/IQAC सेल के तत्वाधान में युकास्ट द्वारा (आईपीआर )बौद्धिक संपदा अधिकार पर व्याख्यान का शुभारंभ महाविद्यालय के डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में हुआ । कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर जानकी पंवार ,मुख्य वक्ता अवधेश अग्रवाल ,तथा की- नोट स्पीकर प्रोफेसर रमेश चौहान तथा कार्यक्रम की सह-सयोजिका डॉ अंशिका बंसल तथा महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रोफेसर एम0डी0कुशवाहा तथा कार्यक्रम संयोजिका डॉक्टर सरिता चौहान द्वारा दीप प्रज्वलित तथा संगीत विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना के साथ हुआ। व्याख्यान श्रृंखला को आगे बढ़ते हुए सर्वप्रथम कार्यक्रम की सहसंयोजक डॉक्टर अंशिका बंसल द्वारा कार्यक्रम की रूपरेखा तथा आगामी दिनों में कार्यक्रम को किस तरीके से संचालन किया जाएगा पर प्रकाश डाला ।कार्यक्रम संयोजिका डॉक्टर सरिता चौहान ने अपने वक्तव्य में बौद्धिक संपदा के महत्व को समझाते हुए उनके विभिन्न आयामों पर कार्य करने हेतु प्रेरित किया। इसी क्रम को आगे बढ़ते हुए महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रोफेसर एम0डी0कुशवाहा ने अपने शब्दों में कहा कि आज के ग्लोबल युग में ज्ञान एवं सूचना के युग में बौद्धिक संपदा को सहेज कर रखना बहुत आवश्यक है उन्होंने छात्र-छात्राओं को अपनी क्रियात्मक कार्य को कॉपीराइट करवाने को प्रोत्साहित किया तदोपरांत की नोट स्पीकर प्रोफेसर आर0एस0 चौहान ने विषय से संबंधित अपने वक्तव्य में एक कोल्ड ड्रिंक की बोतल को दिखाकर ट्रेड डिजाइन ,ट्रेडमार्क, ट्रेड सीक्रेट की बारिकियों के ऊपर प्रकाश डाला उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के 28 उत्पादकों का जी- आई टैग कर दिया गया है ।इसके पश्चात अवधेश अग्रवाल ने अपने वक्तव्य में कहा कि महाविद्यालय मे बौद्धिक संपदा पर होने वाले व्याख्यान माला श्रृंखला के शुभारंभ पर उत्साह जताते हुए उसके सफल आयोजन हेतु शुभकामनाएं दी तथा बौद्धिक संपदा के अधिकारों को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है इसके लिए कौन-कौन से कानून बनाए गए हैं विस्तार में समझाया इसी क्रम को आगे बढ़ते हुए महाविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग के डॉक्टर मोहन कुकरेती ने अपने वक्तव्य में कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार के अंतर्गत भारतीय ज्ञान प्रणाली पर कार्य करने की सलाह दी
इसी कार्यक्रम में महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर जानकी पंवार ने कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए कॉपीराइट के उल्लंघन करने पर होने वाले खतरों से आगाह किया तथा कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला। अंत में कार्यक्रम के अंतिम पड़ाव में मुख्य वक्ताओं तथा प्राचार्य को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए इस अवसर पर डॉक्टर जुनिष कुमार ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया तथा डॉक्टर संदीप कुमार ने सभी वक्ताओं तथा कार्यक्रम में उपस्थित सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं प्राध्यापक तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित थे।