ब्यूरो रिपोर्ट:
महिला काव्य मंच” (मन से मंच तक) देहरादून इकाई के तत्वावधान में मई माह की मासिक काव्य गोष्ठी 27 मई 2022, दिन शुक्रवार को सायं चार बजे ऑनलाइन सम्पन्न की गई। गोष्ठी प्रांतीय अध्यक्ष डॉ विद्या सिंह जी की अध्यक्षता में हुई,जिसमें बतौर मुख्य अतिथि महेश्वरी कनेरी एवं विशिष्ट अतिथि डॉ आशा रावत रहीं ; संचालन जिला महासचिव मणि अग्रवाल ‘मणिका’ ने किया।
गोष्ठी में डॉ. विद्या सिंह, महिमा “”, निशा “अतुल्य”, मणि अग्रवाल मणिका, नीरु गुप्ता “मोहिनी”, अमृता पांडे, प्रो उषा झा रेणु, शोभा पाराशर, डॉ. सुहेला अहमद डा०क्षमा कौशिक, डॉ.आशा रावत, अर्चना झा, कविता बिष्ट,नीरू नैय्यर ‘नीलोफ़र’, महेश्वरी कनेरी ने अपनी उपस्थिति दर्ज की,परंपरागत तरीके से माँ वाणी की वंदना द्वारा गोष्ठी का शुभारंभ हुआ। वंदना जिला उपाध्यक्ष प्रो.उषा झा द्वारा की गई,तत्पश्चात अमृता पांडे ने स्त्री के व्यक्तित्व को परिभाषित करती रचना “पीतल की गगरी ले सिर पर, पानी लेने जाती मां” सुनाकर आनंदित किया। शोभा पाराशर की मनभावन शृंगारिक रचना “तपती ये जेठ की दुपहरी रहेगी” ने भी खूब रंग जमाया। नीरू नीलोफर ने “नारी प्रभु की अनुपम कृति, जिससे है संसार” रचना सुनाकर नारी के महत्व को बखूबी दर्शाया। सभी ने उनके सृजन को खूब सराहा। निशा अतुल्य जी की सारगर्भित रचना “प्रेम परिभाषा”– प्रेम एक अर्थपूर्ण शब्द प्रथम आभास” ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। “अहले वतन मिलकर चलें पैगाम है। गंगो जमन मिल कर बहे पैगाम है” डॉ. सुहेला अहमद की इन पंक्तियों ने भाईचारे और एकता का पैगाम देते हुए सभी का असीम स्नेह प्राप्त किया।
इसके पश्चात प्रो.उषा झा रेणु ने “‘रात देखो चाँदनी ” रचना सुनाकर वाहवाही बटोरी। जिनकी सुरीली आवाज़ हमेशा सभी के कानों में अमृत घोलती है ऐसी महिमा “श्री” जी के गीत “कब तक मुझको यूं नोचोगे ओर कितना तड़पाओगे” को सुनकर सभी भावुकता के सागर में गोते लगाने लगे। अर्चना झा ने भी विसंगति पर प्रहार करती रचना “नशे से क्या मिला है, बोल प्यारे” सुनाकर सभी का स्नेह प्राप्त किया। कविता बिष्ट ने भी खूबसूरत छान्दसिक सृजन “मातु का निस्वार्थ प्यार, ममता भरा दुलार” सुनाकर सभी की खूब सराहना प्राप्त की। इसके बाद नीरू गुप्ता ‘मोहिनी’ की प्रेरक रचना “डरकर जीने से जिंदगी गुलजार नहीं होती” ने सकारात्मकता का संचार किया जिसे सभी ने सराहा। डॉ. क्षमा कौशिक की रचना “सुमन को देखा प्रफुल्लित मन हुआ” ने सबके हृदय को छू लिया। आयोजन की विशिष्ट अतिथि डॉ. आशा रावत जी की रचनाओं “झुर्रीदार चेहरे एवं “नानी का घर” ने तो सभी को भावुक कर दिया, भावनाओं को इतनी खूबसूरती से एक अनुभवी लेखनी ही सजा सकती है।
इसके बाद मुख्य अतिथि माहेश्वरी कनेरी ने सभी कवयित्रियों का उत्साहवर्धन करते हुए अपना प्रेरणा गीत “बुझे बुझे से बैठे हो” सुनाकर सभी में अद्भुत प्रेरणा का संचार किया। गोष्ठी के अंतिम चरण में गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहीं प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. विद्या सिंह ने सभी रचनाकारों की रचनाओं पर समीक्षात्मक टिप्पणी करते हुए बेहद मधुर गीत ” तुम गगन के सितारों की बातें करो” सुनाकर माहौल को खुशनुमां बना दिया। अंत में जिला अध्यक्ष निशा “अतुल्य” ने सभी का आभार प्रकट कर गोष्ठी की पूर्णता की घोषणा की।
बहुत बढ़िया गोष्ठी। प्रकाशित करने का शुक्रिया।
धन्यवाद