ब्यूरो रिपोर्ट पौड़ी: जिला सूचना अधिकारी पौड़ी वीरेन्द्र सिंह राणा की अध्यक्षता में आज जिला सूचना कार्यालय पौड़ी में The Media’s Role in nation building(राष्ट्र निर्माण में मीडिया की भूमिका)* विषय पर राष्ट्रीय प्रेस दिवस-2022 की गोष्ठी का आयोजन किया गया।
जिला सूचना अधिकारी द्वारा प्रेस दिवस पर सभी मीडिया कर्मियों को शुभकामनाएं दी गयी तथा गोष्ठी में उपस्थित मीडिया कर्मियों का स्वागत किया गया। साथ ही केन्द्रित विषय पर सभी मीड़ियाकर्मियों को अपने विचारों को व्यक्त करने हेतु आमंत्रित किया गया।
पौड़ी प्रेस क्लब के अध्यक्ष राकेश रमण शुक्ला ने अपने संबोधन में कहा कि आज के समय सकारात्मक व जनपक्ष की पत्रकारिता करते हुए सभी मीडिया कर्मियों को आत्मचिंतन व सहयोग की भावना से कार्य करते हुए जन सामान्य के मुद्दों को प्रमुखता से उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म को भी समय के अनुकूल अब अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देने के बारे में मंथन करने की जरूरत है और समाचारों को उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए कार्य करने की आवश्यकता है, इस अवसर पर वरिष्ठ मीडियाकर्मी अनिल बहुगुणा ने कहा कि पत्रकार छोटे स्तर पर कार्य करते हुए राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। आज खोजी पत्रकारिता की आवश्यकता है जिससे आम जनसमस्याओं का समाधान किया जा सके। कहा कि समाज को सकारात्मक दिशा देने के लिए कभी-कभी खबरों में रचनात्मक चीजों को जोड़ने का भी सहारा लेना पड़ता है, ग्रामीण पत्रकार जगमोहन डांगी ने कहा कि सभी पत्रकारों को आपस में सहयोग के भाव से कार्य करना चाहिए। खबरों के आदान-प्रदान से दूरस्थ क्षेत्रों की खबरों का प्रमुखता से उठाया जा सकता है।
पंजाब केसरी से पंकज मेंदोली ने अपने संबोधन में कहा कि पत्रकारों के काम पर बात होनी चाहिए। पत्रकारिता का मूल कर्तव्य आम व गरीब की खबरों को प्रमुखता उठाना है। उन्होंने कहा कि स्थानीय व छोटे क्षेत्र की पत्रकारिता आज वास्तविकता के ज्यादा करीब है।
इस अवसर पर जी न्यूज से कमल पिमोली ने कहा कि सभी पत्रकारों का कर्तव्य है कि वे पत्रकारिता के मूल सिद्धांत पर कार्य करे। जल्दी खबर चलाने के चक्कर में खबरों की विश्वसनीयता से समझौता न करें।
अन्त में जिला सूचना अधिकारी वीरेन्द्र सिंह राणा ने अपने सम्बोधन में कहा कि ‘‘राष्ट्र निर्माण में मीडिया की भूमिका‘‘ विषय पर मीडिया द्वारा जो बहुमूल्य विचार व्यक्त किये गये है उनको उचित माध्यम से संज्ञान में लाकर इम्प्लीमेंट करने का प्रयास किया जायेगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में मीडिया की भूमिका विषय को इसलिए रखा गया है ताकि जब भारत 2047 तक अपने को विकसित राष्ट्र की श्रेणी में देखना चाहता है तो उसके लिए मीडिया को अपनी भूमिका को पुनः निर्धारित व परिभाषित करने की जरूरत है। वर्तमान ग्लोबल युग में जो विश्वव्यापी बदलाव दृष्टिगोचर हो रहे है उसके अनुकूल मीडिया को अपने आपको तैयार करना होगा।
कहा कि सूचना क्रान्ति के इस युग में चुनौतियां और संभावनाऐं दोनों मौजूद है तथा जो चुनौतियों को संभावनाओं में कन्वर्ट करने का हुनर रखेगा वही सफल होगा। वर्तमान सूचना युग में सोशल मीडिया प्लेटफार्म अर्थात न्यू मीडिया का जो दौर चल पड़ा है जिसमें हर किसी को एक मंच मिला है- विकल्प मिला है अपने हुनर को दिखाने का तथा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नई-नई वेबसाइट और सूचना पोर्टल्स की बाढ सी आ गयी है। इसी के चलते इसके अति उपयोग अथवा कतिपय दुरूपयोग के बहुत से साइड इफैक्ट भी देखने को मिल रहे है।
उन्होंने कहा कि जिसको देखो अपना वाट्सऐप गु्रप अथवा वेेबसाइट बनाकर बिना पूर्व अनुमति के किसी को भी ग्रुप में जोड़ रहा है। बल्क में सूचनाऐं भेजी जा रही हैं। जिसको डिलीट करते-करते लोग थक रहे है। बहुत सारे पोर्टल्स गु्रप में एक ही जैसी न्यूज, एक जैसा डिजाइन, एक ही विश्लेषण, यहां की बात वहां फिट की जा रही हैै। कॉपी पेस्ट, सतही खबर, एकपक्षीय, आधी-अधूरी, किसी एक को टारगेटेड करके सूचना परोसी जा रही है तथा लोगों का निजता, गोपनीयता तथा बहुमूल्य समय का ख्याल नही रखा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि ‘‘अति सर्वत्र वर्जयेत्‘‘ अति किसी भी चीज की बुरी होती है, ये बात मीडिया पर भी लागू होती है। सूचना इस तरह से प्रचारित-प्रसारित होनी चाहिए कि सूचना वास्तव में सूचना बनी रहे- ‘‘सूचना बमबारी नही।‘‘ इसी को देखते हुए मीडिया के लिए भी अब ‘‘कोड ऑफ एथिक्स‘‘ और नैतिकता की बात होने लगी है।
नैतिकता से तात्पर्य है कि मीडिया को भी अपने लिए स्वंय कुछ नैतिक मापदण्ड तय करने होगें। कोई भी सूचना न्यूज सारगर्भित हो, प्रामाणिक, तार्किक, संविधान सम्मत, तथ्यात्मक और सभी पक्षों का व्यापक विश्लेषण लेते हुए हो। जिसको हम अपने वेबसाइट अथवा न्यूज पोर्टल अथवा वट्सएप गु्रप में जोड़ रहे है उसकी पहले अनुमति ली जाए।
जिला सूचना अधिकारी ने कहा कि जिस तरह लोकतंत्र के इस चौथे स्तम्भ ने राष्ट्रीय स्वाधीनता में राष्ट्रीय चेतना के विकास में तथा जनमत निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान दिया, उसी तरह आगे भी राष्ट्र में और समाज में व्यवस्था निर्माण में, लोगों को शिक्षित-प्रशिक्षित करने में, राष्ट्रीय एकता और अखण्डता बनाये रखने में तथा ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत‘‘ और 2047 में विकसित राष्ट्र निर्माण के लिए तटस्थता, पारदर्शिता, निष्पक्षता, मिशन पत्रकारिता, खोजी पत्रकारिता और नैतिक पत्रकारिता की जरूरत है तभी हम सच्चे राष्ट्र निर्माण के सहभागी बनने के साक्षी बन पायेगें।
इस अवसर पर गोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार गुरूवेन्द्र नेगी, मनोहर बिष्ट, मुकेश बछेती, कुलदीप बिष्ट, सिदान्त उनियाल, मुकेश कुमार, गणेश नेगी, दीपक बड़थ्वाल, महेन्द्र नेगी, पंकज रावत, प्रदीप नेगी, करन नेगी सहित सूचना विभाग से संरक्षक प्रमोद बर्तवाल, मानवेन्द्र कंडारी, हरेन्द्र कुमार उपस्थित थे

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