ब्यूरो रिपोर्ट:
कहते है जब हौसलो और संघर्ष में जीवन हो, इंसान के काम में धैर्य और लगन शामिल हो तो कुछ भी पाना असंभव नहीं होता बर्तमान में पौड़ी जिले के राजकीय प्राथमिक विद्यालय चुठानी में है कार्यरत,ऐसे रहा शिक्षक पंकज सुंदरियाल के जीवन का सफर जो उन्हीं के शब्दों में है,आज से 14 साल पहले जब जिंदगी में ऐंसा मोड़ आया जब आप बहुत कुछ कर हार से जाते है, समाज आप पर ताने और कटाक्ष करता है ,एक तरह से जीने नहीं देता। एम एस सी बीएड ,पी जी डिप्लोमा इन टूरिज्म,पी जी इन योगा और 2 साल दुकान में काम करने के बाद बहुत अकेला हो गया। मेरी आवाज कभी कभी सामान्य बातचीत में गड़बड़ा जाती है लेकिन पठन इत्यादि में नहीं गड़बड़ाती। ये बात मै जानता था, कभी ट्यूशन आदि पढाता था। लेकिन कोई स्कूल मुझे अध्यापक भी नहीं लेना चाहता था। मेरे सपने बड़े थे और रोजगार नहीं मिल पा रहा था। मेरा दिमाग, हाथ व मन कुछ अलग करने का हुआ । फिर अपने बचपन में गया और सोचा कि बचपन मे कितना रचनात्मक था मैं। टेबल पर देखा फेवीकोल माचिस की तिल्लियों पर गिरा था। उन तिल्लियों को मैने अलग करना चाहा लेकिन वो अलग नहीं हुयी। जैसे ईश्वर ने इशारा दे दिया हो,बूद्धवार का दिन था मंदिर गया और फेवीकोल, माचिस खरीद लाया, बहन बोली श्री केदारनाथ का मंदिर बना के दिखाओ जैसा तुमने एक बार पोस्टर बनाया था, मैं शुरू हो गया। फिर धीरे धीरे जिंदगी आसान होने लगी, शाम को ट्यूशन और दिनभर तिल्लियों को जोड़ना उस वक्त मेरा जुड़ाव RSS से हुआ लेकिन मै ज्यादातर वक्त इसी कला में लगाता था। उसके बाद मेरा चयन श्री गुरू राम राय स्कूल में हो गया और मुझे जगह मिली पैठाणी। मै शुक्रिया करना चाहूँगा श्री रतूड़ी जी का जिन्होंने मुझे मेरी आवाज के साथ स्वीकार किया। फिर अध्यापक के रूप में सफर शुरू हो गया जो सफलता के साथ निरंतर जारी है। अभिभावक व बच्चों ने हमेशा मेरे पढा़ने के तौर तरीको को सराहा और इच्छित परिणाम देने में हम सफल हुए है।
माचिस की तिल्लियों का काम मैने विकट परिस्थितियों में भी जारी रखा है। श्री केदारनाथ मंदिर, ताजमहल, बोरगंड चर्च नार्वे, कॉर्नर टावर ऑफ चाइना, तथा हाल ही में श्री राम मंदिर अयोध्या बनाया है और काम जारी है।
कला के माध्यम से सभी धर्मो के मॉन्यूमेंट्स बना रहा हूँ। इंडिया बुक आफ रिकार्ड मे maximum miniature monuments made from matchsticks के नाम से 2021 में नाम दर्ज करने के बाद मेरी इच्छा भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी से मिलने की है। मेरा यही कहना है कि जीवन के किसी मोड़ पर भी हम नयी शुरूआत कर सकते हैं। मेरा काम मुझे विशाल धैर्य और क्षमता देता हैन

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